अगर आपको दिन में ज्यादा नींद आती है, तो हो सकता है इस गंभीर बीमारी का संकेत

आजकल बहुत से लोग दिन में अचानक से नींद का अनुभव करते हैं, और यह महसूस करते हैं कि वे काम करने के लिए उत्साहित नहीं हैं। हालांकि, यह सामान्य थकान या खराब नींद का परिणाम हो सकता है, लेकिन एक नई स्टडी के अनुसार, यह एक गंभीर बीमारी डिमेंशिया (Dementia) का प्रारंभिक संकेत हो सकता है। इसलिए अगर आपको भी दिन में नींद आती है, तो आपको अपनी सेहत पर ध्यान देना जरूरी है।
डिमेंशिया क्या है?
डिमेंशिया एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति की सोचने, याद रखने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है। यह बीमारी दिमाग के तंतुओं के क्षरण (damage) के कारण होती है। अल्जाइमर डिजीज डिमेंशिया का सबसे सामान्य रूप है, जो उम्र बढ़ने के साथ अधिक होता है। डिमेंशिया से प्रभावित व्यक्ति को रोजमर्रा के कामों में परेशानी का सामना करना पड़ता है, और यह बीमारी उसकी जीवनशैली को प्रभावित करती है।
दिन में नींद आना और डिमेंशिया का कनेक्शन
एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि दिन में नींद आना डिमेंशिया के शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकता है। यह शोध न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ था, जिसमें यह पाया गया कि जो लोग दिन में लगातार सोते हैं और कामों में रुचि नहीं दिखाते, वे डिमेंशिया के शिकार हो सकते हैं। यह अवस्था मोट्रिक कॉग्निटिव रिस्क (MCR) के रूप में जानी जाती है, और इसके जल्द से जल्द पहचानने से इस बीमारी को रोकने में मदद मिल सकती है।
कैसे समझें कि यह डिमेंशिया का संकेत हो सकता है?
अन्य लक्षणों के साथ: अगर दिन में नींद आने के साथ-साथ आपको याददाश्त कमजोर होना, सोचने में परेशानी आना, निर्णय लेने में कठिनाई होना या व्यवहार में बदलाव महसूस हो रहे हैं, तो यह डिमेंशिया का संकेत हो सकता है।
धीरे-धीरे बढ़ती समस्या: अगर यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ रही है और आपकी दिनचर्या में हस्तक्षेप कर रही है, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
अन्य कारणों का पता लगाना: दिन में नींद आने के और भी कारण हो सकते हैं, जैसे नींद की कमी, मानसिक तनाव (depression), थकान, दवाइयों के दुष्प्रभाव आदि। इसलिए यदि अन्य कारण साफ नहीं होते, तो डिमेंशिया की संभावना पर विचार करें।
अगर आपमें MCR जैसी समस्या के लक्षण दिखें, तो क्या करें?
डॉक्टर से संपर्क करें: अगर आपको लगता है कि आपकी दिन में नींद आना और अन्य लक्षण डिमेंशिया से संबंधित हो सकते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करके उचित उपचार की सलाह देंगे।
पूरी जांच करवाएं: डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास और लक्षणों के आधार पर कुछ टेस्ट कर सकते हैं, जो डिमेंशिया की पुष्टि करने में मदद करेंगे। इसमें न्यूरोलॉजिकल परीक्षण और कुछ मानसिक परीक्षण शामिल हो सकते हैं।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: नियमित शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार, और पूरी नींद लेना दिमागी स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। इससे आप मानसिक रूप से फिट रह सकते हैं और डिमेंशिया के जोखिम को कम कर सकते हैं।
तनाव प्रबंधन: तनाव डिमेंशिया के विकास के लिए एक प्रमुख कारक हो सकता है। इसलिए मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा।
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