Inter caste Marriage Scheme : अब शादी करने पर सरकार से मिलेंगे 10 लाखों रुपए, उठाएं इस स्कीम का फायदा, जान ले सभी शर्तें
Inter-Caste Marriage Scheme: आपने शायद सुना होगा कि शादी करने पर 10 लाख रुपये मिलते हैं । यह दावा सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से तेजी से फैल रहा है । लेकिन क्या यह सच है ? आइए इस दावे की सच्चाई जानते हैं ।
राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना के तहत मिलने वाली राशि
राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही अंतरजातीय विवाह योजना के तहत जोड़े को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है । इस योजना के तहत मिलने वाली राशि दो किस्तों में दी जाती है ।
प्रथम किस्त : राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना के तहत पात्र जोड़े को 5 लाख रुपये की पहली किस्त दी जाती है । यह राशि सीधे जोड़े के संयुक्त बैंक खाते में जमा करवाई जाती है । यह राशि जोड़े को शादी के शुरुआती खर्चों को पूरा करने में मदद करती है ।
द्वितीय किस्त : योजना के तहत मिलने वाली शेष 5 लाख रुपये की राशि को 8 साल के लिए एक फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा करवाया जाता है । यह राशि जोड़े के भविष्य के लिए सुरक्षित रखी जाती है। 8 साल बाद यह राशि जोड़े को मिल जाएगी ।
कुल मिलाकर , इस योजना के तहत एक जोड़े को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है । यह राशि जोड़े को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करती है ।
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राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना की मुख्य शर्तें
राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तों का पालन करना आवश्यक है । ये शर्तें इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता निर्धारित करती हैं ।
राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना की मुख्य शर्तें निम्नलिखित हैं :
- जाति : राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ उठाने के लिए यह अनिवार्य है कि दोनों पति-पत्नी में से कम से कम एक व्यक्ति दलित समुदाय से संबंधित हो । यह योजना दलित समुदाय के लोगों के साथ अन्य समुदायों के विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है ।
- निवास : दोनों पति-पत्नी को राजस्थान राज्य के मूल निवासी होना चाहिए । यह शर्त योजना के दायरे को राजस्थान राज्य तक सीमित करती है ।
- आयु : योजना का लाभ उठाने के लिए दोनों पति-पत्नी की आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह आयु सीमा योजना के लाभार्थियों को एक निश्चित आयु वर्ग तक सीमित करती है ।
- आय : दोनों पति- पत्नी की संयुक्त वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह आर्थिक मानदंड योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता निर्धारित करता है ।
- दस्तावेज : राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना के लिए आवेदन करते समय जाति प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है । यह दस्तावेज यह साबित करता है कि आवेदक दलित समुदाय से संबंधित है ।
- बैंक खाता : दोनों पति- पत्नी के पास एक संयुक्त बैंक खाता होना चाहिए । योजना के तहत मिलने वाली राशि इस संयुक्त खाते में जमा करवाई जाएगी ।
- आवेदन समय : राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना के लिए आवेदन शादी के एक महीने के भीतर करना होगा । यह समय सीमा सुनिश्चित करती है कि योजना का लाभ उठाने के लिए समय पर आवेदन किया जाए ।
इन शर्तों को पूरा करने वाले जोड़े ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं । योजना का उद्देश्य अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना और सामाजिक एकता को मजबूत करना है ।
राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
राजस्थान सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा । आवेदन प्रक्रिया काफी सरल है , बस आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों के साथ राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा ।
आवेदन करने की विधि :
सबसे पहले आपको राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा । इस वेबसाइट पर आपको अंतरजातीय विवाह योजना से संबंधित सभी जानकारी मिलेगी । वेबसाइट पर आपको एक आवेदन फॉर्म मिलेगा । इस फॉर्म को ध्यानपूर्वक पढ़कर भरें। फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारियां सही भरें । आवेदन फॉर्म भरने के बाद आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी । इन दस्तावेजों में आपका आधार कार्ड , निवास प्रमाण पत्र , जाति प्रमाण पत्र , शादी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आदि शामिल हो सकते हैं । सभी जानकारी भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद आपको आवेदन फॉर्म को सबमिट कर देना होगा ।
आवेदन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें :
आवेदन फॉर्म में दी गई सभी जानकारी सही और पूरी होनी चाहिए ।
अपलोड किए गए दस्तावेज स्पष्ट और अच्छी गुणवत्ता वाले होने चाहिए ।
आवेदन करने की एक निश्चित समय सीमा होती है , इसलिए समय पर आवेदन करना महत्वपूर्ण है ।आवेदन सबमिट करने के बाद आपका आवेदन विभाग द्वारा जांचा जाएगा । यदि आप सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं , तो आपको योजना का लाभ दिया जाएगा ।
राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना के उद्देश्य
राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल है जिसका उद्देश्य जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता को समाप्त करना है । राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना की शुरुआत राजस्थान राज्य सरकार ने की थी , ताकि विभिन्न जातियों के बीच विवाह को प्रोत्साहित किया जा सके और जातिवाद की सामाजिक समस्या को सुलझाया जा सके । भारतीय समाज में जातिवाद की गहरी जड़ें हैं , जो सामाजिक विभाजन , भेदभाव और असमानता को जन्म देती हैं । राजस्थान जैसे राज्य , जहाँ जातिगत व्यवस्था का प्रभाव व्यापक है , वहाँ इस योजना का महत्व और भी बढ़ जाता है ।
अंतरजातीय विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य जातिगत विभाजन को समाप्त करना और समाज में समानता की भावना को बढ़ावा देना है । जब लोग विभिन्न जातियों से विवाह करते हैं , तो यह सामाजिक बाधाओं को तोड़ने में मदद करता है और जातिवाद की मानसिकता को चुनौती देता है । इस प्रकार के विवाह सामाजिक समरसता को बढ़ावा देते हैं और एक समानता पर आधारित समाज की ओर एक कदम आगे बढ़ाते हैं ।
राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना के तहत , अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को आर्थिक सहायता , प्रोत्साहन और अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं । ये लाभ विशेष रूप से उन परिवारों के लिए होते हैं जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर होते हैं और जिन्हें जातिवाद के खिलाफ खड़े होने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । आर्थिक सहायता के अलावा , योजना के तहत अन्य सुविधाओं में विवाह रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाना , कानूनी सहायता प्रदान करना , और समाजिक समर्थन शामिल है । यह सभी सुविधाएँ विवाह करने वाले जोड़ों को समाज के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी समस्याओं का सामना करने में मदद करती हैं और उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानित जीवन जीने की ओर प्रोत्साहित करती हैं।
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इस योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह जातिवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने का काम भी करती है । जब समाज में अंतरजातीय विवाह को सामान्य माना जाता है और इसे प्रोत्साहित किया जाता है , तो यह जातिगत भेदभाव को घटाने और सामाजिक समरसता को बढ़ाने में मदद करता है । इसके माध्यम से , लोगों को जातिवाद की हानिकारक प्रभावों के बारे में समझाया जाता है और यह संदेश फैलाया जाता है कि जातिगत भेदभाव की कोई जगह नहीं होनी चाहिए ।
इसके अलावा , राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना ने समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है । जब विभिन्न जातियों के लोग एक साथ विवाह करते हैं , तो यह उनके परिवारों और समुदायों के बीच संबंधों को भी मजबूत करता है । इस प्रकार के विवाह सामाजिक सांस्कृतिक बाधाओं को तोड़ते हैं और विभिन्न जातियों के बीच समझ और सहयोग को बढ़ावा देते हैं । इससे एक समावेशी और एकजुट समाज की दिशा में कदम बढ़ता है , जहाँ जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ एक सामूहिक प्रयास किया जा रहा है।
राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना का यह उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के बीच समानता और समझ को बढ़ावा देना है । यह राजस्थान अंतरजातीय विवाह योजना न केवल अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करती है बल्कि जातिवाद और सामाजिक असमानता के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी देती है। इसके माध्यम से, समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं और एक समानता और सामाजिक समरसता की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं । इस प्रकार , यह योजना एक समृद्ध और समान समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है ।